21 स्वामी विवेकानंद के अनमोल वचन एवं सुविचार

By | June 21, 2019

युवा पीढ़ी के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद जी राष्ट्र निर्माता, धर्म संस्कृति के संरक्षक थे उन्होंने आजीवन इस दिशा में कार्य किया।

आज आप पढ़ेंगे स्वामी विवेकानंद के अनमोल वचन जो आपका जीवन पूर्ण रूप से बदलने का दम रखते हैं। Swami vivekananda suvichar and anmol vachan full of motivation and inspiration in hindi.

स्वामी विवेकानंद के अनमोल वचन – Swami Vivekananda Anmol vachan

Swami vivekananda quotes in Hindi with images

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1.

उठो जागो और तब तक नहीं रुको  ,

जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो।।

swami vivekananda quotes in hindi

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2.

किसी की निंदा न करें, अगर आप मदद के लिए
हाथ बढ़ा सकते है तो जरूर बढ़ाएं।
अगर नहीं बढ़ा सकते तो अपने हाथ जोड़िये ,
अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये
और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये। ।

swami vivekananda quotes in hindi for students

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3.

ब्रम्हांड की सभी शक्तियां हमारे अंदर है ,
यह हम ही है जिन्होंने अपनी आँखों के सामने
हाथ रखा है और रोते हुए कहा कि अँधेरा है।।

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4.

जब कोई विचार अनन्य रूप से

मस्तिष्क पर अधिकार कर लेता है
तब वह वास्तविक भौतिक या

मानसिक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है।।

yuva diwas quotes in hindi

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Swami Vivekananda quotes in hindi

5.

सच को कहने के हज़ारों तरीके हो सकते है
और फिर भी सच तो वही रहता है।।

Swami vivekananda suvichar anmol vachan

Swami vivekananda suvichar anmol vachan

6.

जितना हम दूसरों के साथ अच्छा करते हैं
उतना ही हमारा ह्रदय पवित्र हो जाता है
और भगवान उसमे बसता है।

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7.

यदि स्वयं में विश्वास करना , और अधिक विस्तार से
पढ़ाया और अभ्यास कराया गया होता ,
तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और
दुःख का एक बड़ा हिस्सा गायब हो जायेगा।।

8.

पवित्रता, धैर्य और दृढ़ता
ये तीनो सफलता के लिए
आवश्यक है
और सबसे ऊपर प्यार है।।

yuva diwas status in hindi

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Swami Vivekananda suvichar

Below you will read swami vivekananda ke suvichar in hindi.

9.

क्या तुम नहीं अनुभव करते कि

दुसरो के ऊपर निर्भर रहना बुद्धिमानी नहीं है।
बुद्धिमान व्यक्ति को अपने ही पैरों पर

दृढ़ता पूर्वक खड़ा होकर कार्य करना चाहिए।
धीरे धीरे सब ठीक हो जायेगा।

10.

अन्धविश्वास मनुष्य का बड़ा शत्रु है
लेकिन धर्मान्धता उससे भी बुरा है।।

11.

जब तक आप स्वयं पर विश्वास नहीं करते
तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।

Anmol vachan in hindi

12.

एक अच्छे चरित्र का निर्माण
हजारों ठोकरें खाने के बाद ही होता है।।

13.

जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरुरी नहीं है
पर जो रिश्ते है उनमे जीवन होना जरुरी है।।

14.

किसी भी लक्ष्य और उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए

तब तक प्रयत्न करना चाहिए

जब तक उसको प्राप्त नहीं हो जाता।

15.

किसी की निंदा करने से कोई लाभ नहीं

जिसकी निंदा हम कर रहे है

अंततः वह हमरा मित्र सखा, भाई ही है

उसकी निंदा स्वयं की निंदा के समान है।

16.

आप किसी की सहायता कर सकते है तो कीजिये

अन्यथा आप सफलता की कामना कीजिये।

17.

एक सच्चे ह्रदय में ही ईश्वर का वास होता है ,

ह्रदय सच्चा तभी हो सकता है

जब तुम निष्कपट हो छल से रहित हो।

ऐसा तभी हो सकता है जब तुम

दुसरो के साथ अच्छा व्यवहार करोगे

जरूरतमदों के साथ मित्रता का व्यवहार करोगे ।

18.

एक बालक का जन्म सभी शक्तियों के साथ होता है

बालक समय और अपने ज्ञान की वृद्धि करता है

इसी प्रकार जब एक व्यक्ति असफलता का

रोना रोता है तो स्वयं को धोखा देता है।

19.

आज लोगों में आत्मविश्वास की कमी देखने को मिलती है

उनमे आत्मविश्वास की कमी है

जिसके कारण वह जल्दी हार मानकर बैठ जाते है

अगर खुद पर भरोसा और आत्मविश्वास हो

तो समाज से बुराइओं का बड़ा हिस्सा

अपने आप समाप्त हो जायेगा।

20.

कोई भी कार्य की सफल तभी है

जब स्वयं पर पूर्ण विस्वास हो

बिना आत्म विश्वास के

कोई भी कार्य पूर्ण नहीं हो सकता।

21.

जब कोई व्यक्ति एक विचार या भाव को

अपने मष्तिष्क में धारण कर लेता है

और अनेको प्रयास के वावजूद भी

उससे मुक्ति नहीं पता इस अवस्था में

उस व्यक्ति का मस्तिष्क भौतिक

या संसारिक माया में जकड जाता है।

22.

सच को बदला नहीं जा सकता

चाहे कितने ही प्रकार से

बात को प्रकट किया जाए

फिर भी सत्य के मूल में कभी बदलाव नहीं आता।

23.

मनुष्य का बड़ा शत्रु स्वयं उसका अन्धविश्वास है

यही उसके मार्ग की वास्तविक बाधा है।

यही सच्ची राह से भटकता है

जिसके कारण अधिकतर सचाई तक पंहुच नहीं पाते।

यह मार्ग उसे अंधविश्वासी बनाता है

इस अन्धविश्वास को सिद्ध करने के लिए

धर्म से जोड़ कर धर्मान्धता की और ले जाया जाता है।

24.

दुसरो पर विश्वास करके तो कभीकार्य पूर्ण नहीं होते

स्वयं पर विश्वास करें।

अगर आप स्वयं पर विश्वास करेंगे

तो आपका कार्य शानदार तरीके से पूर्ण होंगे।

25.

तुम संस्कृति की रक्षा करो

तुम्हारी रक्षा संस्कृति स्वयं करेगी।

26.

चरित्र का निर्माण करना कोई आसान कार्य नहीं है

चरित्र का निर्माण हजारों ठोकरें खाने के बाद ही होता है,

अच्छे चरित्र के लिए व्यक्ति को अपना जीवन

तपस्वी की भांति व्यतीत करनी पड़ती है

तब जाकर एक अच्छे चरित्र का निर्माण हो पाता है।

27.

सफलता सभी लोगों को नहीं मिलती

इसके लिए साधना की आवश्यकता होती है

साधना तभी पूरी होती है जब मन पवित्र हो

धैर्य भरपूर मात्रा में हो और प्यार की मूर्ति हो

अन्यथा साधना कभी पूरी नहीं हो सकती।

28.

किसी पर विश्वास करने से पूर्व

व्यक्ति को स्वयं पर विश्वास करना चाहिए।

बिना स्वयं पर विश्वास किए

कोई किसी अन्य पर विश्वास नहीं कर सकता

स्वयं भगवान पर भी नहीं।

29.

किसी भी क्षेत्र में अधिकता सदैव वर्जित होता है

यह नियम रिश्तो पर भी लागू है।

ज्यादा रिश्ते होना भी कभी-कभी

कठिनाई का कारण बनती है।

30.

जीवन में ज्यादा रिश्ते होना कोई मायने नहीं रहता

पर जो रिश्ता हो वह अविश्वसनीय

और टिकाऊ हो यह जरूरी होता है।

31.

दुनिया में आज भी विश्वास और भरोसा कायम है

बिना इसके जीवन निरस प्रतीत होता है

विश्वास ही वह कड़ी है जो माता-पिता से पुत्र को जोड़ती है।

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समापन

स्वामी विवेकानंद जी का लगभग संपूर्ण जीवन युवा पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए समर्पित था। वह यह भली-भांति जानते थे कि राष्ट्र और संस्कृति की रक्षा युवा ही कर सकते हैं। वही अपनी इस धरोहर को आने वाली पीढ़ियों को भली-भांति सौंप सकते हैं। युवा राष्ट्र निर्माता होता है इसलिए उन्होंने युवाओं को विशेष कर राष्ट्र निर्माण धर्म संस्कृति रक्षा के लिए प्रेरित किया। उन्हें राष्ट्र निर्माण में आह्वान किया। युवा उनसे जुड़े और आज भी उन्हें अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं उनके बताए हुए मार्ग पर चलना चाहते हैं।आशा है उपरोक्त लेख आपको पसंद आया हो अपने सुझाव विचार कमेंट बॉक्स में लिखें।

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