Best collection of niti, sutra and Chanakya Quotes in Hindi with images. आचार्य चाणक्य भारतीय राजनीति के गुरु के रूप में विख्यात है। इनकी प्रखर राजनीति के कारण एक साधारण से वनवासी चंद्रगुप्त मौर्य को मगध का सिंहासन प्राप्त हुआ। चाणक्य आज देश ही नहीं अपितु विदेश में भी प्रसिद्ध है।
उनकी सोच समझ और निर्णय लेने की शक्ति ने बड़े ही शक्तियों को परास्त किया है।
इस लेख में आचार्य चाणक्य के सुविचार , अनमोल वचन और प्रेरणादायक विचारों का संकलन प्राप्त करेंगे। अपने जीवन में अपनाकर अपने जीवन के लक्ष्य को निर्धारित कर सकेंगे।
आचार्य चाणक्य मौर्य वंश को सत्ता पर स्थापित करने वाले तथा मगध के महामंत्री के रूप में भी कार्यरत थे। उन्होंने भारत की सीमाओं को सुदृढ़ करने के लिए तत्कालीन नंद वंश के शासक धनानंद का ध्यान आकृष्ट कराना चाहा , जिससे विदेशियों के हमले से देश की सीमाएं सुरक्षित हो सके।
सत्ता और मद में खोए हुए धनानंद ने आचार्य चाणक्य का भरी सभा में अपमान किया तथा लात मारकर अपशब्द कहते हुए सभा से निकाल बाहर किया। चाणक्य ने देश हित को सर्वोपरि मानते हुए मगध की सत्ता से धनानंद को उखाड़ फेंकने की शपथ ली।
इसी चरण में उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को अपने नायक के रूप में चयन किया।
चाणक्य नीति हिंदी में – Best collection of Chanakya Quotes in Hindi
1
मूर्ख लोगों की नियत ही ,
गलत आचरण की होती है। ।
मूर्ख लोग सदैव गलत आचरण करते हैं ऐसे लोग समाज के लिए कभी भी लाभप्रद नहीं होते इनकी नियत में सदैव खोट रहती है।
2
मूर्ख लोगों से विवाद करना व्यर्थ है। ।
मूर्ख व्यक्ति को समझाने से बेहतर है स्वयं को वहां से अलग कर लेना। क्योंकि मूर्ख लोग कभी भी आपकी बातों को नहीं समझेंगे। ऐसे व्यर्थ विवाद में जाने से स्वयं को बचाना चाहिए।
3
मूर्ख व्यक्ति कभी किसी का सच्चा मित्र नहीं हो सकता। ।
चाणक्य के अनुसार मूर्ख व्यक्ति से मित्रता करना स्वयं मूर्खता का विषय है। ऐसे लोगों से निश्चित दूरी बनाकर ही रहना चाहिए। क्योंकि यह आपके भेद को कभी भी दूसरे के सामने प्रकट कर सकते हैं। ऐसे लोग सदैव मौकापरस्त होते हैं।
4
मूर्ख के सामने मूर्ख बनकर ही बात करो। ।
मूर्ख को समझाने का सबसे बेहतर तरीका है उसके सामने स्वयं को मूर्ख बना कर प्रस्तुत करो। क्योंकि वह कभी भी समझदार व्यक्तियों की बातों पर भरोसा नहीं करेगा। वह अपने स्तर के व्यक्तियों की बात को ही भली-भांति समझता है।
अतः आवश्यकता है मूर्ख के सामने मूर्ख बन कर बात करने की।
Best Chanakya Quotes in Hindi
5
एक सच्चा लोहार ही
लोहे से लोहे को
काटने की विधि जानता है। ।
कहने का तात्पर्य यह है कि जो समझदार व्यक्ति होता है , वह सामने वाले व्यक्ति को किस प्रकार से शांत कर सकता है , वह भली भांति जानता है। कोई मूर्ख व्यक्ति से सामना हो तो उससे मूर्ख बनकर ही जीता जा सकता है।
6
सच्चा मित्र जिस व्यक्ति के पास है ,
उसकी शक्ति निश्चित दुगनी है। ।
सच्चा मित्र होने से शक्ति दुगनी हो जाती है। क्योंकि उसका मित्र उसके साथ सदैव खड़ा रहता है। चाहे वह सुख के क्षण हो या दुख के वह अपने मित्र को कभी अकेला नहीं छोड़ता। जिसके कारण उसकी शक्ति दुगनी हो जाती है।
7
आलस्य के वशीभूत व्यक्ति को ,
महत्वपूर्ण कार्य सपना मूर्खता है। ।
जो व्यक्ति आलस के वशीभूत रहता है , जो सदैव सोने और विश्राम करने की लालसा रखता है। उस व्यक्ति को महत्वपूर्ण कार्य , या किसी भी प्रकार का कार्य सपना मूर्खतापूर्ण होता है। क्योंकि वह कार्य कभी भी असफल नहीं हो सकता , जिसमें आलस्य प्रधान हो।
8
श्रेष्ठ दान की मूल प्रकृति निस्वार्थ भावना है। ।
वह दान सर्वश्रेष्ठ है जो निस्वार्थ भाव से किया गया हो। वह दान विद्या , सुपुत्री , देशभक्ति आदि किसी भी प्रकार का हो सकता है। ऐसे दान से बढ़कर कुछ और नहीं हो सकता। वह दानी महान की श्रेणी में गणना करने योग्य होता है।
Chanakya niti on giving in Hindi
9
दान करना ही सबसे बड़ा धर्म है। ।
दान देना प्रत्येक व्यक्ति के अधिकार में नहीं होता। दान वह व्यक्ति ही कर सकता है जो संपन्न हो , ऐसे व्यक्तियों को सदैव जरूरतमंदों को दान करना चाहिए। इससे बड़ा कोई और धर्म नहीं हो सकता।
10
धर्म से ही यह सृष्टि चलाए मान है। ।
आचार्य चाणक्य के अनुसार सृष्टि धर्म की शक्ति से ही अभी तक चल रही है। धर्म करने वाले लोग इस पृथ्वी पर धर्म करना नहीं छोड़ रहे हैं। जिसके कारण इस पृथ्वी पर सुख , शांति और समृद्धि का वास रहता है।
11
धरोहर के रूप में दिया गया धन ,
स्वार्थ पूर्ति के लिए वर्जित है। ।
किसी भी प्रकार का धरोहर केवल संरक्षण का विषय होता है , उसका स्वयं के लिए उपयोग करना अनुचित कार्य है। धरोहर का स्वयं के लिए उपयोग करना हानिकारक है , ऐसा धन कभी भी खुशी प्रदान नहीं करती।
Collection of Best Chanakya Quotes in Hindi withImages
12
आपातकाल में जो व्यक्ति साथ खड़ा होता है
वही सच्चा मित्र है ।।
विपत्ति या आपातकाल में साथ खड़ा रहने वाला व्यक्ति सबसे बड़ा मित्र होता है। वह आपके साथ तब होता है जब आपको किसी की आवश्यकता होती है।
ऐसे मित्र को सदैव स्नेह के बंधन से बांध कर रखना चाहिए।
13
पाप का अनुकरण करने वाला,
निंदा का भय त्याग देता है। ।
निंदा का भय पापी व्यक्ति को कभी नहीं होता। वह पाप को ही अपना धर्म समझता है और उसे किसी भी हाल में करने के लिए आतुर रहता है।
14
ज्ञान , नीति और तेजस्वी व्यक्ति ही
राजा बनने का अधिकारी होता है। ।
राजा किसी राज्य का संरक्षक होता है। वह पिता के सामान उस राज्य की सेवा करता है। उस राजा के कंधों पर पूरे राज्य का बोझ होता है। ऐसे में राजा को ज्ञान नीति और शरीर से मजबूत होना आवश्यक हो जाता है।
Chanakya sutra in Hindi
15
क्रूर शत्रु का नास बिना उत्साह संभव नहीं। ।
क्रूर शत्रु का विनाश करने के लिए व्यक्ति के पास साहस और इच्छाशक्ति का होना आवश्यक है। इसके कारण उत्साह की वृद्धि होती है जो शत्रु के मन में भय उत्पन्न कर आप की विजय सुनिश्चित करती है।
16
उपकारी व्यक्ति बिना स्वार्थ के उपकार करता है। ।
जो व्यक्ति सच्चा उपकारी जनसेवक होता है वह कभी भी उपकार के बदले कोई फल की इच्छा नहीं करता। वह अपने स्वार्थ को उपकार के मार्ग में नहीं लाता।
17
सतपुरुषों के सिद्धांतों के विरुद्ध
आचरण करने से व्यक्ति
अपना विवेक स्वतःखो बैठता है। ।
जो व्यक्ति विद्वानों सत पुरुषों के सिद्धांतों के विरुद्ध कार्य करता है , वह अपनी बुद्धि पर नियंत्रण नहीं रख पाता। ऐसे लोग समाज के लिए हानिकारक सिद्ध होते हैं।
18
निर्गुणी व्यक्ति भी गुणवान व्यक्ति के
संपर्क में रहकर गुणवान बन जाता है। ।
कहने का तात्पर्य यह है कि जो व्यक्ति सज्जन पुरुष , उच्च आदर्श का पालन करने वाले व्यक्तियों के संपर्क में आ जाता है। उसका आचरण भी स्वतः बदल जाता है , वह भी उच्च आचरण करने लगता है।
19.
हम सभी एक दूसरे पर निर्भर है
अगर एक भी गलत करेगा तो उसका असर सब पर होगा
वहीं अगर कोई सही करता है तो उसका असर भी सब पर होगा
यह भी पढ़ें
Subhashita sanskrit quotes with hindi meaning
Prernadayak anmol vachan and suvichar in hindi
Shayari collection for whatsapp status
Best hindi suvichar and anmol vachan
Pushpendra kulshrestha Quotes in Hindi
आचार्य चाणक्य द्वारा प्रकट किए गए विचार जो व्यक्तिगत जीवन को परिवर्तित करने में सक्षम है। आप इन विचारों को अपने जीवन में अपनाकर अपने जीवन को बदल सकते हैं। आचार्य चाणक्य के ज्ञान और विवेक शक्ति का ही परिणाम था कि चंद्रगुप्त मौर्य जैसे बालक ने मगध साम्राज्य की सत्ता को प्राप्त किया।
आज आचार्य चाणक्य को विश्व भर में माना जाता है , वह बड़े कुशल राजनीति का रखें राजनीति में रुचि रखने वाले आचार्य चाणक्य को अपना गुरु मानते हैं। उनके लिखे विचार और लेखों को आज भी रुचि पूर्वक अध्ययन किया जाता है। जिससे पाठक को कुछ नया सीखने को मिल सके।
जिसके कारण उसके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन हो सके।
कठिन प्रशिक्षण के बाद आचार्य चाणक्य ने अपनी तीक्ष्ण बुद्धि का प्रयोग करते हुए चंद्रगुप्त को मगध साम्राज्य की सत्ता पर बिठा दिया। और देश की सभी सीमाओं को सुदृढ़ किया। यहां तक की राज्य का विस्तार दूर-दूर तक कर दिया। यह सभी आचार्य चाणक्य के बुद्धि का ही परिणाम था , उनकी कुशल राजनीति का फल था जो मगध साम्राज्य का विकास हुआ।