नवरात्रि के सातवें दिन शक्ति स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। यह मां दुर्गा का सातवां अवतार माना जाता है, यह अपने भक्तों को अभय दान देने और शत्रु का मर्दन करने के लिए सदैव तत्पर रहती हैं। देवताओं को अभयदान देना इनका प्रमुख उद्देश्य है। मां कालरात्रि की पूजा से भक्तों के लिए समस्त सिद्धियों का द्वार खोल लेता है। उसे वह सभी सिद्धियां प्राप्त हो जाती है जो मनुष्य को मोह माया और भव बाधा से दूर करती है।
मां कालरात्रि के अनमोल वचन Kalratri Mata Quotes in Hindi
1.
या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
2
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके
शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।
Siddhidatri Mata Quotes in Hindi(सिद्धिदात्री माता के अनमोल वचन)
Mahagauri Mata Quotes in Hindi (महागौरी के अनमोल वचन)
3
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी,
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते
4
दुर्गति नाशिनी दुर्गा जय जयकाल विनाशिनी काली जय जयउमा रमा ब्रह्म्णी जय जयराधा सीता रुक्मिणि जय जय।
5
जो भक्ति मां काली को
अपना सर्वस्व समर्पित कर देता है
वह किसी भय के अधीन नहीं रहता।
6
अपनी प्रार्थना में उम्मीद को जिंदा रखिए
आपकी प्रार्थना अवश्य सफल होगी।
7
मां कालरात्रि आपके सभी विघ्न-बाधाओं को हर कर
दैत्यों का संघार करती हैं
उनके कंकाल और हड्डियां ही शेष रह जाती है।
8
Shailputri Mata Quotes in Hindi(माता शैलपुत्री के अनमोल वचन)
Chandraghanta Mata Quotes in Hindi (माँ चंद्रघंटा के अनमोल वचन)
संबंधित लेख को भी पढ़ सकते हैं
Navratri Quotes in Hindi (नवरात्रि सुविचार हिंदी में)
Ram Navami Quotes in Hindi (रामनवमी संदेश)
Durga Puja Quotes in Hindi दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं
Sita Quotes in Hindi माता सीता के अनमोल वचन।
भोलेनाथ कोट्स, महाकाल स्टेटस | Shiva quotes in hindi
Krishna Quotes in Hindi (कृष्ण जी के लिए अनमोल विचार)
Vishwakarma Puja Quotes in Hindi
बाबा खाटू श्याम कोट्स ( कामना सिद्धि वाले )
Sai Baba Quotes Hindi (साईं बाबा के प्रेरणादायक सुविचार)
समापन
मां कालरात्रि को मां दुर्गा का सातवां स्वरूप माना जाता है। माता अत्यंत क्रोध में भरी होती हैं, शत्रुओं का मान मर्दन करना उनका दमन करना उनके आसुरी शक्तियों का संघार करना, देवता तथा अपने भक्तों, सिद्ध जनों को अभय दान देना इनका प्रमुख उद्देश्य है। यह खुश होने पर मनोवांछित वर प्रदान करती हैं तथा क्रोध होने पर विनाश कर देती हैं। इनके क्रोध को देवता भी शांत नहीं कर पाते इसलिए माता का नाम रौद्री भी है। इनकी पूजा करने वाला भक्त सांसारिक भव बाधा और आसुरी शक्तियों से भय मुक्त हो जाता है उसके निकट भूत, प्रेत, पिशाच, गंधर्व, राक्षस आदि नहीं भटकते। ऐसे भक्तों को देखते ही वह शक्तियां दूर भाग जाती हैं।
माता का वर्ण घने अंधकार के समान काला है इनके विकराल रूप को देखकर शत्रु थरथर कांपते हैं। माता के तीन नेत्र है जो विद्युत के समान चमकीली है। इनके स्वास से अग्नि की भयंकर ज्वाला उठती है। इनका वाहन गदर्भ है अपने गले में मुंड माला धारण करती हैं।आशा है उपरोक्त लेख आपको पसंद आया हो अपने सुझाव तथा विचार कमेंट बॉक्स में लिखें।