सृष्टि के निर्माण और उसको चलाएमान रखने का कार्य भगवान विश्वकर्मा करते हैं। जितने भी उद्योग-धंधे, गृह निर्माण आदि कार्य हैं वह सब इनकी कृपा से ही त्रुटि रहित पूर्ण होते हैं। माना जाता है रावण की स्वर्ण लंका को भी भगवान विश्वकर्मा ने ही निर्माण किया था। प्रभु श्री राम की पर्णकुटी का निर्माण भी भगवान विश्वकर्मा के द्वारा पूर्ण हुआ था।
प्रस्तुत लेख में हम भगवान विश्वकर्मा के शुभकामना संदेश लिख रहे हैं, आशा है आपको इसके माध्यम से भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद प्राप्त हो।
विश्वकर्मा पूजा शुभकामना संदेश
1.
अद्भुत है तुम्हारी कलाकारी
तुम्हें पूजा सदा नर नारी
सकल जगत के तुम हो स्वामी
निर्माण कार्य के कुशल ज्ञानी।
2.
भगवान विश्वकर्मा की कृपा
आपके घर परिवार पर बनी रहे
आपका निर्माण कार्य सफल रूप से पूर्ण हो
विश्वकर्मा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं।
3.
जिन्हें कर्म में विश्वास है
वह भगवान विश्वकर्मा के पास है।
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4.
जीवन विश्वास के नियम पर चलता है
जिन्हें भगवान विश्वकर्मा पर विश्वास है
उनके कार्य सदैव सफल होते हैं।
5.
निर्माण के देवता भगवान विश्वकर्मा
आपकी कृपा सदैव हमारे उद्योग धंधे पर बनी रहे
आपकी कृपा से हमारे
व्यापार को उन्नति मिले तुम्हें कोटि-कोटि प्रणाम है।
Vishwakarma Puja Greetings
6.
तुम्हारी कृपा हो तो भगवन
सब कार्य पूर्ण हो जाते हैं
तुम्हारी कृपा हमारे कल कारखाने पर बनी रहे
जय भगवान विश्वकर्मा की।
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7.
आप चाहे कितने भी नक्शे बना लो
जब तक विश्वकर्मा की कृपा नहीं होगी
तुम्हारे सैकड़ों नक्शे भी व्यर्थ है
भगवान विश्वकर्मा की जय।
8.
मिले जब सहारा आपसे जिंदगी के सब गम दूर हो जाएं
हो कृपा जब आप की भगवन यह सृष्टि सुखी हो जाए।
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9.
जिस प्रकार धन के लिए सही दृष्टिकोण का होना आवश्यक है
उसी प्रकार निर्माण के लिए भी उचित दृष्टिकोण का होना आवश्यक है।
10.
निर्माण का भय बिना विश्वकर्मा के
आशीर्वाद से दूर नहीं हो सकता।
भगवान विश्वकर्मा से संबंधित जानकारी
प्रश्न- भगवान विश्वकर्मा क्यों की पूजा की जाती है?
उत्तर- जितने भी उद्योग धंधे और निर्माण कार्य इस पृथ्वी पर या स्वर्ग लोक में होते हैं, वह सब भगवान विश्वकर्मा के द्वारा पूर्ण होते हैं। उन्हें निर्माण का देवता कहा गया है। वह स्वर्ग नगरी की भी रचना करते हैं तो पृथ्वीलोक के सभी निर्माण कार्य भी उनके द्वारा पूर्ण होते हैं। उनकी शिल्पकारी और वास्तुकला का कोई व्यक्ति अपने मुख से कैसे वर्णन करें। वह दिव्य रूप से क्षण भर में निर्माण कार्य पूर्ण कर देते हैं, इसलिए भगवान विश्वकर्मा की पूजा विधि विधान के साथ की जाती है।
प्रश्न- विश्वकर्मा पूजा के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
उत्तर- किसी भी पूजा का विधि-विधान के साथ पूर्ण होना अति आवश्यक है। पूजा करने और संपन्न होने तक भक्तों को या किसी भी व्यक्ति को सात्विक मन विचार और कर्म का आचरण करना चाहिए। इस दिन किसी भी प्राणी को दुख देना, मदिरापान करना, मांसाहार करना वर्जित माना गया है।
प्रश्न- विश्वकर्मा को देवताओं का वास्तुकार क्यों कहा गया है?
उत्तर- विश्वकर्मा को देवताओं का वास्तुकार इसलिए कहा गया है कि जितने भी निर्माण कार्य चाहे वह पृथ्वी पर हो या स्वर्ग लोक में सभी विश्वकर्मा जी के द्वारा ही संभव है। यहां तक कि इंद्र की नगरी भी भगवान विश्वकर्मा द्वारा दिव्य रूप से निर्मित है।
प्रश्न- विश्वकर्मा की पूजा किस राज्य में धूमधाम से मनाई जाती है?
उत्तर- विश्वकर्मा की पूजा बिहार, बंगाल, उड़ीसा, झारखंड जैसे राज्यों में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन सरकारी अवकाश भी रहता है तो इस उत्सव को श्रद्धालु मन से परिवार सहित मना पाते हैं।
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निष्कर्ष
विश्वकर्मा पूजा भारत के विभिन्न क्षेत्रों में धूमधाम के साथ मनाया जाता है विशेषकर बंगाल, उड़ीसा, झारखंड, कर्नाटक आदि राज्यों में। इस त्यौहार को उत्सव के रूप में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। भगवान विश्वकर्मा के आशीर्वाद और कृपा दृष्टि से कोई भी उद्योग धंधा और निर्माण कार्य पूर्ण होता है। भगवान विश्वकर्मा को विश्व का निर्माता और देवताओं का वास्तुकार माना गया है। इनका उल्लेख हमें वेद और पुराणों में भी मिलता है।