Navratri Quotes in Hindi नवरात्रि सुविचार हिंदी में

नवरात्रि अर्थात नवरात्रियों का समूह, जिसमें शक्ति के रूप में देवी की आराधना की जाती है। देवी की नौ मूर्तियों को अलग-अलग दिन पूजा जाता है और दसवें दिन उसका उद्यापन किया जाता है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है , इस लेख में आप नवरात्रि से संबंधित अनमोल वचन, सुविचार और प्रेरणादायक वाक्य पढ़ सकेंगे जो आपके जीवन को सत्य मार्ग पर ले जाएगा।

नवरात्रि सुविचार हिंदी में (Navratri Quotes in Hindi)

1.

नमो नमो दुर्गे सुख करनी नमो नमो अंबे दुख हरनी

निरंकार है ज्योति तुम्हारी तिहूं लोक फैली उजियारी।

2.

दुर्गतिनाशिनी दुर्गा जय जय

काल विनाशिनी काली जय जय

उमा रमा ब्रह्माणी जय जय

राधा रुकमणी सीता जय जय।

3.

सर्व मंगल मांगल्ए शिवे सर्वार्थ साधिके

शरण्ए त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।

4.

कदम कदम पर फूल खिले

माता का आशीर्वाद मिले

जो कोई सच्चे दिल से भजे

उसको बिन मांगे सब मिले।

5.

जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।

6.

नीम के पेड़ पर डल गया हिंडोला है

दुर्गा जी के नौ रूप का देख मन डोला है।

7.

सांचा है दरबार तेरा सांची तेरी भक्ति

मैया मुझको अब तो दे दो अपनी जरा सी भक्ति।

8.

नवरात्रि के पावन अवसर पर

आपके घर सुख समृद्धि धन-धान्य वैभव

आदि की वर्षा हो

आपका परिवार कुटुंब स्वस्थ और निरोगी रहे

ऐसी कामना करते हुए आपको

नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।

9.

मां दुर्गे का रूप निराला

देवता भी सब करते वंदन

माता के चरणों की धूल

हो जाती है देखो चंदन।

10.

मां दुर्गा है आदि माता सब जगत का पालनहार

भव बाधा से पार लगाती है वही सबका पालनहार।

संबंधित लेख भी पढ़ें

God Quotes In Hindi

Shri Hanuman quotes in Hindi

भोलेनाथ कोट्स, महाकाल स्टेटस | Shiva quotes in hindi

Santoshi Mata Quotes

Proud Hindu Quotes in Hindi

निष्कर्ष

नवरात्रि के नौ दिन को सबसे शुद्ध और पावन दिन माना गया है। जो कोई साधक इस पावन दिन में पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ तपस्या करता है अपने चित्त को एकाग्र कर ध्यान लगाता है उसे देवी शक्ति प्राप्त होती है। वह मनुष्य साधारण मनुष्य से ऊपर उठ कर सोचने और विचार करने लगता है। वह समाज के हित को ध्यान में रखकर कार्य करता है। वह मनुष्य समाज में पूजनीय हो जाता है। वह सुख दुख आदि के बंधनों से मुक्त हो जाता है क्योंकि उसे वह ज्ञान प्राप्त हो जाता है जो बड़े-बड़े ऋषि-मुनियों को भी दुर्लभ है।

नवरात्रि के पावन दिनों की महिमा का वर्णन अपने शास्त्रों और पुराणों में भी मिलता है। देवता भी इन नौ दिन की महिमा को जानते हैं, इसलिए वह भी इन दिनों में विशेष अनुष्ठान कर देवी कला का संधान करते हैं।

आशा है उपरोक्त लेख आपको पसंद आया हो अपने सुझाव तथा विचार कमेंट बॉक्स में लिखें, ताकि हम अपने लेख को और अधिक सुधार कर सकें।

Leave a Comment