Sita Quotes in Hindi माता सीता के अनमोल वचन।

By | February 2, 2023

जनक नंदिनी माता सीता जो त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की भार्या हुई उन्होंने त्याग तपस्या पवित्रता का जो उदाहरण प्रस्तुत किया वह अद्वितीय है। राजकुमारी, महारानी होते हुए भी उन्होंने महलों का सुख त्याग कर अपने पति की सेवा स्वीकार की। पति के साथ चौदह वर्ष वनवास में व्यतीत किया। जंगल के कष्टों को उन्होंने हंसते-हंसते सहन किया नंगे पांव रहकर, अन्न जल से मोहभंग कर अपने स्वामी आराध्य प्रभु श्री राम की सेवा की। प्रस्तुत लेख में आप माता जानकी के अनमोल वचन पढ़ेंगे और उनके भक्ति का लाभ लेंगे।

Sita Quotes in Hindi (जानकी जयंती सुविचार)

1

बिना किसी के हृदय को समझे

आप किसी के चरित्र का

सही चित्रण नहीं कर सकते।

sita navami quotes in hindi

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2

राम याद रहे रावण भी

भुलाई सिर्फ सीता जाती है।

3

शाश्वत शक्ति का आधार

मां जानकी जयंती पर

शत-शत नमन।

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4

नारी की प्रेरणा है मां सीता

नारी की शक्ति है मां सीता

नारी की भक्ति है मां सीता

हर घर हर नारी में है मां सीता।

sita mata ke gyan vakya

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5

सीता राम की कृपा आप सभी पर बनी रहे

आप सभी का घर परिवार

सुख समृद्धि वैभव से परिपूर्ण रहे

जानकी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।

ram sita love quotes in hindi

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6

व्याकुलता की पीड़ा को सीता से बेहतर जाने कौन

द्वंद छिड़ा है मन के भीतर अधरों पर है धारण मौन।

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7

पवित्रता त्याग समर्पण साहस

और धैर्य का पर्व सीता जयंती की

आपको हार्दिक शुभकामनाएं।

sita mata ke anmol vachan

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8

ढूंढा तो राजा जनक ने भी अपनी पुत्री सीता के लिए

राजपरिवार ही था पर सारी उम्र सुख नहीं पाया

इसलिए मां-बाप व्यर्थ की चिंता में ना पड़े

जो भाग्य में लिखा होता है वही होता है

9

एक स्त्री तब तक नहीं हारती

जब तक दुनिया उसके खिलाफ हो

हारती वह तब है जब उसका जीवन साथी

उसके साथ ना होकर दुनिया के साथ हो।

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10

जगत के पालनहार दुखियों की तारणहार

संकट हरणी मां सीता को मेरा बारंबार प्रणाम।

11

पति चाहे कैसी भी परिस्थिति में हो

उनका साथ देना पत्नी का धर्म है।

12

अपने पति के लिए चाहे

जीवन त्यागना पड़े तो भी

पत्नी को पीछे नहीं हटना चाहिए।

13

महलों का सुख व्यर्थ हो जाता है

जब स्वामी महल का भोग ना कर सके।

14

जनक नंदिनी, मां जानकी की शिक्षा

जिस स्त्री के जीवन में आ जाता है

वह स्त्री जीवन धन्य हो जाता है।

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15

सभी कार्यों को ईश्वरीय कार्य

मानते हुए करते रहे

परमपिता आपके कार्यों को सफलता देंगे।

16

भूख प्यास अन्नजल

कोई मायने नहीं रखते जब आप

श्री राम की सेवा में आते हैं।

17

महाशक्ति सीताजी है और नारायण प्रभु राम है

पतित पावनी पूरी अयोध्या जिनका सुंदर धाम है।

18

जब समय न्याय करता है

तब गवाहों की जरूरत नहीं पड़ती।

19

जो श्रीराम से प्रेम करता है वह मुझे प्रिय है

जो श्री राम का बैरी है वह मेरा बैरी  है।

20

जब श्री राम साथ हैं

फिर हमें किस बात की चिंता।

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समापन

माता सीता ने समाज के लिए अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया महिलाओं के सम्मान को बढ़ाने का कार्य किया। उन्होंने पति तथा अपने राज परिवार पर कभी कलंक लगने नहीं दिया। सर्वस्व त्याग कर पतिव्रता नारी बनकर प्रभु श्री राम की आजीवन सेवा की। पति के ऊपर कोई भी संकट आए उससे पहले सीता अपने ऊपर वह संकट ले लेती थी। इस कारण उन्होंने लोक निंदा के कारण स्वयं का त्याग भी स्वीकार किया। अग्नि परीक्षा लोक निंदा, श्री राम की आलोचना आदि को दूर करने के लिए स्वीकार किया।

आशा है उपरोक्त लेख आपको पसंद आया हो अपने सुझाव तथा विचार कमेंट बॉक्स में लिखें।

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