अचार्य प्रशांत वर्तमान समय में प्रेरणादायक बातें करते हैं, अपनी बातों का संदर्भ वेदांत से लेते हैं। वह अद्वैतवाद के समर्थक है, आज उनके चाहने वाले उनकी बातों को सुनते हैं तथा अपने जीवन में अपनाते हैं।
प्रशांत जी अपनी बातों को वास्तविक जीवन के संदर्भ से जोड़ कर कहते हैं ताकि श्रोता को उन बातों को समझने में आसानी रहे। जो वेद-वेदांत के अनुसार उचित है उनकी वकालत आचार्य प्रशांत करते है। आचार्य प्रशांत पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा में भी रहे हैं। उन्होंने अपने अध्यात्म की ओर झुकाव के कारण उस पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके सुविचार इस लेख में संकलित हैं।
आचार्य प्रशांत के सुविचार
भारत अध्यात्म की भूमि है, यहां अध्यात्म कण-कण में व्याप्त है समय और परिस्थिति के अनुसार मनुष्य अध्यात्म से निरंतर दूर होता जा रहा है। उसमें तमस तथा आलस का भाव आता जा रहा है। असामाजिक कार्य करने की प्रवृत्ति उसके भीतर व्याप्त होती जा रही है, इन्हीं सब क्रियाकलापों से आचार्य प्रशांत दुखी हैं।
मानव आज अपने मूल उद्देश्य को भूलकर वह किस दिशा में जा रहा है, उसी मानव तथा समाज को एक उचित दिशा दिखाने का कार्य आचार्य प्रशांत कर रहे हैं। वह वेदांत की बातों को कहते हैं तथा उन आदर्शों को अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं जो अध्यात्म से ओतप्रोत है। जो मनुष्य को पारलौकिक जीवन सुधारने का अवसर देता है। उन्हीं विचारों का कुछ संकलन हम नीचे लिख रहे हैं।
आराम करने से संबंधित सुविचार
1
आधुनिक मानव तमस का शिकार है
वह सदैव आराम की प्रतीक्षा में रहता है
वह सदैव आराम की तलाश करता रहता है।
2
मां के गर्भ में शिशु को किसी प्रकार का कार्य नहीं करना होता
वहां किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती
बच्चा जब पैदा होता है तो उसे कार्य करना होता है।
इसके बिना उसकी आवश्यकता पूरी नहीं हो सकती।
3
व्यक्ति सदैव गर्भस्थ शिशु बना रहना चाहता है
जिसे कोई काम न करना पड़े
जन्म के उपरांत भी उसका
आजीवन यही प्रयास रहता है
जहां खूब पैसे हो कोई काम करना ना पड़े
यह मनुष्यता के लिए खतरा है।
4
आज की संस्कृति में बच्चे को
यह समझा दिया जाता है कि
उसका जीवन अय्याशी के लिए है
कर्म के लिए नहीं।
5
तुम कभी यह जानने का प्रयत्न नहीं करते
कि जो रत्न जड़ित आसन पर बैठे हैं
जो सुख भोग रहे हैं
वह कितनी मेहनत और कर्म के बदौलत है।
यह भी पढ़ें
Best hindi suvichar and anmol vachan
Subhashita Sanskrit quotes with Hindi meaning
Shayari collection for WhatsApp status
Friendship and Dosti Quotes in Hindi
21 Motivational hindi quotes, suvichar, shayari
6
जो आलसी हैं वह तो जन्म से आलसी है
लेकिन जो मेहनती है वह इसलिए है
कि वह भी एक दिन आलसी बन सके
अर्थात उन्हें कोई काम करना ना पड़े
उन्हें सभी सुख सुविधाएं बैठे-बिठाए मिल सके।
7
मनुष्य का अंतिम लक्ष्य अय्याशी ही होता है
जहां वह सुंदर तथा सुखद जीवन की प्राप्ति चाहता है।
8
हमारी वृत्ति चिल्ला चिल्ला कर कहती है आराम करो
हमारा आध्यात्मिक बताता है कि आप कर्म करो।
अध्यात्मा उस विश्राम के लिए कहता है
जो घोर कर्म के बीच बीच में हो
इसके सिवा किया गया विश्राम हराम के समान है।
9
अपनी उर्जा कर्म को सौंप दो तो
मन के भीतर अपार शांति की अनुभूति होगी।
अपने कर्म को पूर्ण विश्वास और समर्पण के साथ करो
यही आपके वास्तविक जीवन का लक्ष्य है।
सम्बन्धित लेख भी पढ़ सकते है
भोलेनाथ कोट्स, महाकाल स्टेटस | Shiva quotes in hindi
Navratri Quotes in Hindi (नवरात्रि सुविचार हिंदी में)
Shailputri Quotes in Hindi(माता शैलपुत्री के अनमोल वचन)
Swami Vivekananda Hindi quotes
निष्कर्ष
उपर्युक्त लेख के द्वारा आप आचार्य प्रशांत जी के कुछ विचारों को जान सके होंगे, जो वह कहना चाहते हैं या समाज तक अपनी बातें पहुंचाना चाहते हैं। वह किसी भी बात को कहने से पूर्व उसे उचित-अनुचित के तराजू में तोल लेते हैं। आचार्य सर्वोच्च भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में भी अपनी सेवा दे चुके हैं, इसलिए वह किसी बात को कैसे कहना है कितना कहना है वह भली भांति जानते हैं। आज उनके प्रशंसक उनकी बातों को सुनते हैं और अपने जीवन में अपनाते हैं।
उपरोक्त लेख उनके सेमिनार तथा वक्तव्य आदि को आधार बनाकर तैयार किया गया है, त्रुटि की संभावना हो सकती है। अपने सुझाव तथा विचार कमेंट बॉक्स में लिखें ताकि हम अपने लेख को और गुणवत्ता प्रदान कर सके।