महात्मा गांधी के अनमोल वचन Mahatma Gandhi Quotes in Hindi

महात्मा गांधी सत्य, अहिंसा और न्याय के लिए लोकप्रिय थे। उन्होंने भारत की आजादी के लिए अग्रणी भूमिका निभाई। भारत देश की आजादी के लिए उन्होंने अनेकों प्रकार के आंदोलन किए जो अहिंसा का समर्थन करती थी। सत्याग्रह, तथा अंग्रेजों भारत छोड़ो जैसे बड़े आंदोलन में गांधी जी को और महान बना दिया। उन्होंने जाति-वर्ण, तथा बलि प्रथा पर भी कार्य किया। वर्ण भेद के समर्थन में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में व्यापक रूप से आंदोलन भी किया था। प्रस्तुत लेख में हम उस महात्मा का सुविचार, अनमोल वचन लिख रहे हैं आशा है आपको यह लेख पसंद आए।

Mahatma Gandhi Quotes in Hindi

1.

एक राष्ट्र की संस्कृति

उसमें रहने वाले लोगों के

दिलों में और आत्मा में रहती है।

2.

मैं मरने के लिए तैयार हूं

पर ऐसी कोई वजह नहीं

जिसके लिए मैं मारने को तैयार हूं।

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3.

सत्य बिना जनसमर्थन के भी

खड़ा रहता है वह आत्मनिर्भर है।

4.

आंख के बदले आंख

पूरे विश्व को अंधा बना देगी।

5.

थोड़ा सा अभ्यास

बहुत सारे उपदेशों से बेहतर है।

Pushpendra kulshrestha Quotes in Hindi

6.

विश्वास को हमेशा तर्क से तोलना चाहिए

जब विश्वास अंधा हो जाता है तो मर जाता है।

7.

कुरीति के अधीन होना कायर है

उसका विरोध करना पुरुषार्थ।

8.

खुद वो बदलाव लाइए

जो आप दुनिया में

देखना चाहते हैं।

9.

मैं किसी को भी गंदे पाँव के साथ

अपने मन से नहीं गुजरने दूंगा।

10.

केवल प्रसन्नता ही एकमात्र इत्र है

जिसे आप दूसरों पर छिड़कने है

तो उसकी कुछ बूंदे

अवश्य ही आप पर पड़ती है।

11.

गर्व लक्ष्य को पाने के लिए

किए गए प्रयत्न में निहित है

ना कि उसे पाने में।

12.

विद्यार्थी प्रकृति से सीखता है

इसलिए उसे प्रकृति के

सानिध्य में रहने देना चाहिए।

Mahatma Gandhi Quotes on Humanity

1

स्वाधीनता संग्राम में लोगों की यह स्थिति थी

वह आजादी के लिए नारे तो लगाते थे

प्रोत्साहन तो देते थे किंतु ऊपरी मन से।

जब उनकी भूमिका और योगदान की आवश्यकता होती थी

तब वह पीछे हट जाया करते थे।

इसलिए आवश्यक है,

अपने विचारों और कर्म में सामंजस्य बैठाने की।

2

जो दुनिया बदलने की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं

उन्हें स्वयं के भीतर झांक कर देखना चाहिए।

अपने भीतर भी बदलाव की आवश्यकता है।

कितने ही अवगुण हमारे भीतर विराजमान है

उस पर पहले ध्यान देने की आवश्यकता है।

3

गांधीजी अपने मन को मंदिर मानते थे

वह अपने मन को सदैव स्वच्छ रखने की कामना करते थे।

इसलिए उन्होंने समाज में स्वार्थ सिद्धि के लिए कार्य करने वाले

सहयोगियों से सदैव दूरी बना कर रखा।

उन्होंने कभी ऐसे लोगों का सहारा नहीं किया जो

समाज के लिए हितकर ना हो।

4

गांधीजी नरम दल के नेता माने गए हैं

वह अहिंसा में विश्वास नहीं करते।

वह अहिंसा को परमो धर्म मानते हैं।

जब उनसे एक थप्पड़ के बाद

दो थप्पड़ की बात कही जाती थी

तब वह इस पर विश्वास नहीं करते थे।

वह हिंसा से द्वारा लिया गया प्रतिशोध को गलत ठहराते हैं।

इसलिए जब वह आंख के बदले आंख निकालने की बात सुनते हैं

तब वह उससे दूरी बना लेते हैं और उसका विरोध करते हैं।

5

महात्मा जी के आदर्श को आज भी समाज अपनाता है

उनको एक आदर्श पुरुष मानता है।

उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा लेता है।

उनका मानना था सीखने के समय ऐसे सीखे

जैसे उसे लंबे समय तक अपने साथ रखना हो

उसका उपयोग करना हो।

किसी कार्य को समाज के लिए ऐसे करो

जैसे कल ही मृत्यु निश्चित है।

6

महात्मा गांधी एक बहुत बड़े शिक्षा शास्त्री भी थे

उनका मानना था बालक अपने जन्म से पूर्व ही सीख कर आता है।

वह प्रकृति में रहते हुए उन सभी शिक्षा का विस्तार करता है

या अनुभव करता है जिसे वह जन्म से पूर्व ही सीख कर आया था।

7

समय से बढ़कर कुछ मूल्यवान नहीं है

जो समय को बचाता है, समय से पूर्व कार्यकर्ता है।

वह बड़े धन के समान होता है।

बचाए हुए समय को ध्यान से देखें

तो वह बचाए हुए धन के समान ही है।

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निष्कर्ष

उपरोक्त प्रेरणादायक सुविचार से स्पष्ट होता है कि गांधीजी सत्य अहिंसा और अन्याय के पुजारी थे। उन्होंने अपने आंदोलन को भी इन्हीं सिद्धांतों के साथ संचालन किया। उनके विचारों से देश की जनता जुड़ती गई और स्वाधीनता संग्राम में एक साथ मिलकर कार्य किया। उनके दिशा-निर्देशों पर करोड़ों लोग कार्य करने को तैयार थे, जिससे अंग्रेजों की हुकूमत परेशान हो चुकी थी। छोटी सी कद काठी, दिखने में बेहद साधारण ऐसे शख्स से पूरी अंग्रेजी हुकूमत घबरा गई थी। उनके बार-बार सत्याग्रह जैसे आंदोलन ने अंग्रेजी हुकूमत को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था, जिसके बदौलत आज भारत देश आजाद है।

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