Read the Best Independence day quotes, one liners, wishes, suvichar, status, Anmol vachan, Shayari and essay in Hindi with images.
स्वतंत्रता किसी को भी प्रिय होता है, चाहे वह पिंजरे में बंद पक्षी ही क्यों ना हो। मानव आरंभिक काल से ही स्वतंत्र रहने का उन्मादी है। विगत कुछ 100 वर्षों पूर्व जब भारतीय जनमानस पर औपनिवेशिक शासन लागू हुआ तब भारत की जनता ने उसे जड़ से उखाड़ फेंका और स्वतंत्रता की सांस ली।
आज उसी स्वतंत्रता से संबंधित सुविचार, अनमोल वचन, कोट्स आदि को प्रस्तुत कर रहे हैं, आशा है आपको प्रिय लगे।
Best Independence day quotes in Hindi
1
स्वतंत्रता की कीमत
उस पक्षी से बेहतर कौन जानता होगा
जो सोने के पिंजरे में बंद रह कर भी खुश नहीं है। ।
2
हम तो वह मस्ताने हैं जो
गुलामी के शब्द को भी
मिटाने का सामर्थ रखते हैं
3
गूंज रही है चारों ओर उन बलिदानों की बोलियां
जिन्होंने तिरंगे की खातिर खाई सीने पर गोलियां। ।
4
करते हो जो मातृभूमि से प्यार तुम
तो कुर्बानी से क्यों घबराते हो
त्याग दो अपना – पराया
छोटा – बड़ा दिखावे का यह चोला
दिल में जगाओ तुम आजादी का शोला। ।
5
सरकार आती-जाती रहेंगी, वह अपना हित भी साधेंगी
किंतु एक जनता के नाते, तुम सतर्क रहना
कहीं तुम्हारा भोलापन फिर स्वतंत्रता को हर ना ले। ।
6
वह जिंदगी ही व्यर्थ है, जिसमें
स्वतंत्रता, आजादी जैसे शब्द ना हो। ।
7
जाति धर्म मजहब के नाम पर जीना छोड़ो
जीना है तो देश के अभिमान पर जिओ। ।
8
आजादी की जो लोग नहीं जानते
उन्हें क्या पता इसकी प्राप्ति के लिए
करोड़ों बलिदान दिए गए। ।
9
कोई फांसी पर चढ़ गया तो किसी ने है गोली खाई
यूं ही नहीं मिलती मांगने से आजादी मेरे भाई। ।
10
शहीद होकर भी जिन्होंने
भारत माता को है आजाद किया
कैसे उन्हें भूल जाएं जिन्होंने हमें आबाद किया। ।
Independence day quotes and wishes in Hindi
11
देशभक्त वह नहीं जो केवल अपने हित की सोचता है
देशभक्तों वह होता है जो स्व-हित से ऊपर देशहित रखता है
12
किस काम की है वह आजादी, जहां
देश ही विनाश के रास्ते पर जाता हो। ।
13
तिरंगा हमारी आन है, तिरंगा हमारी शान है
इस तिरंगे की खातिर जीवन अपना कुर्बान है। ।
14
अपनी आजादी की चिंता छोड़ो
देश की आजादी को आत्मसात कर लो
तुम्हारी आजादी निश्चित रूप से
तुम्हारे साथ रहेगी। ।
15
काले-गोरे, छोटे-बड़े, ऊंच-नीच
कि व्यर्थ बातों से क्या लाभ मिलता है
उठो! एक हो जाओ सभी
इसी एकता से दुश्मन देश हिल उठता है।
16
एक फूल की अभिलाषा भी देश हित में ऐसी होती है –
” मुझे तोड़ लेना वनमाली उस पथ पर तुम देना फेंक
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ पर जाएं वीर अनेक। ।
Independence day quotes and shayari
17
उन आंखों की दो बूंदों से भी सातों सागर हारे हैं
जब मेहंदी लगी हाथों ने मंगलसूत्र उतारे हैं। ।
(देशभक्ति के लिए त्याग हमारे वीर जवानों ने और उनकी अर्धांगिनी होने जो दिया है। उस त्याग के लिए कितने ही उपाधियां कितने ही ऋण सब छोटे मालूम होते हैं। उनकी इसी देशभक्ति और त्याग के कारण सातों समुद्र का पानी आंसुओं के दो बूंद से भी हल्का मालूम होता है )
18
बारंबार नमन मैं करता हूं उस तिरंगे को
जिसने देश की मर्यादा को कभी झुकने नहीं दिया। ।
19
देशभक्ति का यह अर्थ नहीं कि केवल उत्सव मनाते रहे
बल्कि देश किस प्रकार सशक्त हो उस दिशा में कार्य करें।
20
जो कांटों में भी फूल खिलाते हैं, वही इस धरती को स्वर्ग बनाते हैं
आओ हम सब एक हो जाएं मिलकर स्वतंत्रता पर्व मनाए। ।
21
गंगा-जमुना-सरस्वती जिस धरती को सींचती है
उस देश की जननी वीर पुत्र ही देती है। ।
22
जब तक है मुझ में जान
कम ना होगा देश की शान। ।
23
आओ एक बार फिर से जाग जाते हैं
देश की प्रगति को उठाकर
एक नए स्थान पर ले जाते हैं। ।
Inspirational Independence day quotes
24
लड़े थे वह वीर जवान की तरह
उम्र ही क्या थी सोलह-सतरह
आज हम जिस पर इतराते हैं
दे गए वह दान की तरह। ।
25
इस मिट्टी से प्यार है मुझे
जन्म दिया है मुझे
इस मिट्टी का कर्ज है मुझ पर
इसे ना भूल पाऊंगा जी कर। ।
26
इस आजादी की कीमत को यूं ही मत बर्बाद करो
इस आजादी के लिए अपना भी योगदान करो। ।
27
ऋषि – मुनि, बलिदानीयो, महादानीयों का है देश यह
इस की गरिमा को बनाए रखना हम सभी का कर्तव्य है। ।
28
ऊंचे ऊंचे अरमान सब फीके हैं
जब तक तुम्हें स्वतंत्रता नसीब ना हो। ।
29
आओ पुनः एक होकर बीती हुई बातों को स्मरण कर लेते हैं
क्यों हुए थे गुलाम, कैसे हुए आजाद इसका भी ख्याल कर लेते हैं। ।
30
अनेकों कुल के दीपक बुझ गए
इस देश को रोशन करने के लिए
इस रोशनी को बरकरार रखो
ताकि फिर कोई कुल का दीपक ना बुझे। ।
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स्वतंत्रता दिवस पर निबंध
स्वतंत्रता दो शब्दों के योग से बना है स्व+ तंत्र अर्थात अपना शासन। स्वतंत्रता किसी भी प्राणी को प्रिय है। जो सांस लेता है वह स्वतंत्र रूप से सांस लेना चाहता है। किसी प्रकार की बाधा उसको विचलित करती है। मानव स्वभाव आदि काल से ही स्वतंत्र प्रेमी रहा है। विगत कुछ 100 वर्षों में आपसी वैमनस्य और मतभेद के कारण हमें पराधीनता, गुलामी का सामना करना पड़ा यह गुलामी बेहद दुखदाई थी जिसको हमारे पूर्वजों ने महसूस किया था।
आज हम स्वतंत्र पर स्वच्छंद रूप से अपने देश में भ्रमण कर सकते हैं यहां से वहां जा सकते हैं। हमारे कुछ अपने मौलिक अधिकार हैं जिन्हें रक्षा करने के लिए देश का संविधान सदैव तत्पर रहता है। यह सभी यूं ही नहीं मिला है, बल्कि करोड़ों बलिदानों ने अपने हित परिवार की चिंता न करते हुए देश हित के लिए कार्य किया था।
अपना बलिदान दिया था तब जाकर आज हमें यह आजादी नसीब हो सकी है।
हम आपसी वैमनस्य, फूट और ईर्ष्या के कारण आक्रमणकारियों के गुलाम बनते रहे।
एक समय वह आया जब अंग्रेजों ने अपनी नीति से हमें अपना गुलाम बना लिया। हमारे देश की धरोहर, पूंजी, संस्कृति सब को लूट लिया। भारत देश जो सोने की चिड़िया कही जाती थी, उस सोने की चिड़िया को उन्होंने तहस-नहस कर अपने देश की प्रगति में लाभ लिया। हमारे पूर्वजों ने जो कष्ट सहे उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उसके लिए करोड़ों शब्द भी कम पड़ जाएंगे। आज हमें जब आजादी मिली है तो ऊंच-नीच जाती – पाती का भेद मिटाकर एकजुट होना होगा और सबको अपना मानते हुए गले लगाना होगा। तब जाकर भारत की उन्नति प्रगति हो सकती है।
अंग्रेजों ने हमें 15 अगस्त 1947 को आजादी दी किंतु यह आजादी भी किस काम की जो हमारे भूखंड को वह जाते जाते बाँट गए। पाकिस्तान भारत का विभाजन कर गए। हमारे भारत की सीमा जो वर्मा से लेकर अफगानिस्तान तक फैली थी। उसको खंड खंड कर गए यह सभी हमारे आपसी फूट और वैमनस्य भाव के कारण ही संभव हो सका था। आज भी हमें जागरुक होना होगा, शिक्षित होना होगा, आर्थिक रूप से इतना मजबूत बनना होगा कि हमें कोई दूसरा आकर अब शोषण न कर सके। हमारे हितों को सीमित ना कर सके।
हमें देश की उन्नति में भागीदार होना पड़ेगा, देश की उन्नति ही व्यक्ति की उन्नति होती है।
निष्कर्ष
आजादी सभी को प्रिय है, आजाद रहना कौन नहीं चाहता चाहे वह सोने के पिंजरे में कैद चिड़िया ही क्यों ना हो, चाहे उसे सोने के कटोरी में खाना ही क्यों ना मिले फिर भी वह स्वच्छंद उड़ान भरना चाहती है।
इसी प्रकार आजादी मनुष्य को भी प्रिय है। वह किसी के अधीन नहीं रहना चाहता। वह स्वच्छंद सोचने विचारने की शक्ति को नहीं खोना चाहता। उपरोक्त सुविचार और निबंध से हमें आजादी का वास्तविक अर्थ ज्ञात हुआ।
आजादी के बिना व्यक्ति का कोई अस्तित्व नहीं रह जाता। इसलिए हमें जो आजादी हमारे पूर्वजों ने दी है उसका संरक्षण करना चाहिए और अपने देश को मजबूत सशक्त तथा उन्नत बनाना चाहिए। देश हित में कार्य करने का लक्ष्य कभी भूलना ना चाहिए।
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